Tunnel Collapse in Telangana:- तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) परियोजना के टनल हादसे में फंसे आठ मजदूरों को बचाने के प्रयास लगातार जारी हैं। इस घटना को अब 125 घंटे से अधिक हो चुके हैं,

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और इस दौरान फंसे लोगों को भोजन या पानी नहीं मिल पाया है, जिससे उनकी जीवित बचने की संभावना घटती जा रही है।
Tunnel Collapse in Telangana रेस्क्यू ऑपरेशन में नई रणनीति
सरकार ने बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) की उच्च-स्तरीय टीम की सिफारिश पर टनल से पानी निकालने (dewatering) और कीचड़ हटाने का अभियान तेज कर दिया है।
टनल बोरिंग मशीन (TBM) तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक रास्ते तलाशे जा रहे हैं ताकि बचाव कार्य को तेज और सुरक्षित बनाया जा सके।
बचाव कार्य की प्रमुख चुनौतियां
टनल में अत्यधिक नमी और दबाव – जिससे राहत कार्य धीमा पड़ रहा है।
बचावकर्मियों की सीमित पहुंच – कीचड़ और पानी का जमाव रास्ता रोक रहा है।
समय की चुनौती – मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए समय महत्वपूर्ण हो गया है।
बचाव दल की नई उपलब्धि
रेस्क्यू टीम के विशेषज्ञ टनल के अंतिम छोर तक पहुंचने में सफल रहे, जिससे उम्मीदें बढ़ गई हैं। इस अभियान को अब और तेज करने की योजना बनाई गई है और अगले 48 घंटों में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
बचाव कार्य पर सरकार की पूरी नजर बनी हुई है और सभी अत्याधुनिक मशीनों और तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि मजदूरों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
Telangana tunnel collapse news हादसे की वजह क्या है?
टनल निर्माण के दौरान अचानक सुरंग का एक हिस्सा ढह गया, जिससे मिट्टी और पानी सुरंग में भर गया। इससे वहां काम कर रहे आठ मजदूर अंदर फंस गए। बचाव दल को उनकी सही स्थिति का अनुमान लगाने में काफी समय लगा, जिससे ऑपरेशन में देरी हुई।
अधिकारियों और सरकार की प्रतिक्रिया
तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने बचाव कार्य का निरीक्षण किया और दो दिनों के भीतर ऑपरेशन पूरा करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने बताया कि सरकार आधुनिक तकनीकों और मशीनों का उपयोग कर रही है, ताकि राहत कार्य को तेजी से पूरा किया जा सके।
जनता और परिजनों की बढ़ती चिंता
इस हादसे के बाद मजदूरों के परिजन गहरी चिंता में डूबे हुए हैं। वे बचाव दल से जल्द से जल्द अपनों को सुरक्षित निकालने की गुहार लगा रहे हैं। स्थानीय लोगों का भी कहना है कि इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को सुरंग निर्माण की सुरक्षा मानकों को कड़ाई से लागू करना चाहिए।
आगे क्या होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 48 घंटे इस बचाव कार्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। यदि टनल से पानी निकालने और रास्ता साफ करने का काम सही ढंग से पूरा हो जाता है, तो मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की संभावना बढ़ सकती है।
निष्कर्ष
टनल हादसा न सिर्फ फंसे मजदूरों की जिंदगी का सवाल बन गया है, बल्कि यह सुरक्षा मानकों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। उम्मीद की जा रही है कि बचाव दल जल्द ही सफलता प्राप्त करेगा और इस त्रासदी का अंत मजदूरों की सुरक्षित वापसी के साथ होगा।
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