Pradhan mantri Krishak Mitra Surya Yojana Apply,- मध्य प्रदेश के किसानों के लिए 2025 का जुलाई महीना नई ऊर्जा और संभावनाओं के साथ आया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को भिण्ड जिले की तहसील मेहगांव के ग्राम दंदरौआ में आयोजित किसान सम्मेलन एवं रोजगार मेले में किसानों को एक बड़ी सौगात देने जा रहे हैं।

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यह अवसर केवल एक आम सम्मेलन नहीं होगा, बल्कि प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के तहत Solar Pump Portal के शुभारंभ का भी गवाह बनेगा।
Pradhan Mantri Krishak Mitra Surya Yojana Apply
मुख्यमंत्री का यह कदम राज्य के 32 लाख से अधिक किसानों को सौर ऊर्जा (Solar Energy) के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
इस योजना से न केवल किसानों को बिजली की समस्या से मुक्ति मिलेगी, बल्कि वे अपनी अतिरिक्त बिजली सरकार को बेचकर आय भी प्राप्त कर सकेंगे।
सोलर पंप पोर्टल का शुभारंभ किसान सम्मेलन से नई शुरुआत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा किसान सम्मेलन के दौरान “Solar Pump Portal” का लोकार्पण किया जाएगा। इस पोर्टल के जरिए किसान सोलर पंप के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और सारी प्रक्रिया ई-केवायसी (e-KYC) आधारित होगी।
इस डिजिटल पहल से किसानों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी।
Key Features of the Portal
- Transparent System: कोई बिचौलिया नहीं, सीधे किसान से सरकार तक।
- Real-Time Status Tracking: किसान अपने आवेदन की स्थिति ऑनलाइन देख सकते हैं।
- Digital Document Verification: दस्तावेजों की जांच ऑनलाइन होगी, जिससे प्रक्रिया तेज होगी।
- Mobile Friendly Interface: किसान मोबाइल से भी आवेदन कर सकेंगे।
How to apply online for Pradhan Mantri Krishak Mitra Surya Yojana?
- नवीन आवेदन के लिए पोर्टल cmsolarpump.mp.gov.in को ओपन करें।
- यहॉं नवीन आवेदन करें पर क्लिक कर प्रक्रिया प्रारंभ करें। जिससे निम्नानुसार स्क्रीन प्राप्त होगी।
- यहॉं पर कृषक का मोबाइल नंबर जिससे पंजीकरण करना हो, दर्ज करें। एप्लीकेशन मोबाइल पर OTP भेजकर सही नंबर की जॉंच करेगा। OTP सत्यापन के उपरांत कृषक की सामान्य जानकारी दर्ज की जानी होगी।
- एक बार सामान्य जानकारी भरने के उपरांत आपको निम्न अनुसार स्क्रीन प्राप्ती होगी।
- यहॉं पर कृषक का आधार ईकेवायसी, बैंक अकाउण्ट संबंधी जानकारी, जाति स्वाघोषणा, जमीन से संबंधित खसरे की जानकारी एवं चाहे गए सोलर पंप की जानकारी दर्ज की जानी होगी। जिसके प्रत्येक चरण नीचे दिए गए हैं-
- आधार eKYC – किसी भी व्यक्ति की पहचान को स्थापित करने के लिए केवायसी किया जाता है जो कि अंग्रेजी शब्द Know Your Customer का छोटा रूप है। योजना के प्रावधानों के अनुरूप आधार आधारित ई- केवायसी (e-KYC) किया जाना आवश्यक है।आधार आधारित ई- केवायसी करने से व्यक्ति की पहचान संबंधी जानकारी इलेक्ट्राानिक तरीके से प्राप्त हो जाती है जिससे आवेदक को किसी भी तरह के अन्य पहचान प्रमाण को जमा करने की जरूरत नही होती है।इसे करने के लिए दो आप्शन उपलब्ध कराये गए हैं (i) OTP द्वारा (ii) बायोमेट्रिक द्वारा। जिस व्य क्िले का मोबाइल नंबर आधार से लिंक नही है उसका eKYC बायोमेट्रिूक मशीन द्वारा किया जा सकता है।
- eKYC होने पर निम्न अनुसार स्क्रीन प्राप्त होगी।
यदि किसी कारणवश आधार eKYC नही हो पाता है तो पोर्टल 3 प्रयासों के बाद स्वघोषणा पर आगे की कार्यवाही जारी रखेगा। यहॉं यह उल्लेखनीय है कि ऐसे प्रकरणों में दी गयी जानकारी का अलग से सत्यापन कराया जा सकता है एवं किसी तरह की भ्रामक एवं गलत जानकारी देने पर आवेदन खारिज किया जा सकता है।
- बैंक अकाउंट की जानकारी- आवेदक की बैंक संबंधी जानकारी रखने का उद्देश्य यह है कि यदि प्रकरण योजना अंतर्गत स्वीकृत नही होता है या कृषक भविष्य में योजना अंतर्गत लाभ नही लेना चाहता है तब पंजीकरण शुल्क / जमा किए गए कृषक अंश को दिए गए बैंक अकाउण्ट में वापिस जमा कराया जा सके।
- समग्र की जानकारी (वैकल्पिक)- आवेदक की डेमाग्राफिक जानकारी के लिए आवश्यक है कि उसका समग्र आईडी के माध्यम से सत्या्पन किया जावे। यहॉं पर आवेदक को अपना समग्र आईडी तथा परिवार आईडी की जानकारी दर्ज करना होगा।
- जातिवर्ग की जानकारी- आवेदक को अपनी जातिवर्ग (सामान्य, अन्य् पिछडा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति) संबंधी स्वप्रमाणित घोषणा की जानी अनिवार्य है।
- खसरा मैपिंग की जानकारी – योजना प्रावधान अंतर्गत राज्य में कृषि भूमि पर ही योजना का लाभ ले सकते हैं।धारित कृषि भूमि के सत्यापन के लिए आवेदक के आधार नंबर से लिंक खसरे जो कि यहॉं दी गयी सारणी में आ रहे हैं, में से किस खसरे में सोलर पंप लगाया जाना प्रस्तावित है, को चुनना होगा।यदि भूअभिलेख से खसरे प्राप्त नही होते हैं तो आवेदक अन्य खसरे चुन सकता है एवं आगे की कार्यवाही जारी रख सकता है। चुने गए अन्य् खसरे का सत्यापन अलग से किया जा सकता है।
- आधार से जुडे खसरे प्राप्त करना – यदि कृषक के खसरे की जानकारी आधार से जुडी हुई है तो सिस्टम स्वात: ही खसरों की सूची ले आवेगा। यहां उल्लेखनीय है कि आधार से जुडे खसरे लाने के लिए संबंधित कृषक का eKYC होना आवश्यक है।
- उक्त स्क्रीन अनुसार जिस भी खसरे को लिंक करना है उसे चुनकर आधार से जुडे खसरे लिंक करने के लिए क्लिक करें बटन पर क्लिक कर करने से खसरे आवेदन के लिए सूचीबद्ध हो जावेगें।
- यदि संबंधित कृषक के खसरे आधार से संलग्न नही हैं तो अन्य खसरे लिंक करने लिए क्लिक करें बटन पर क्लिक करने से सिस्टम आपको निम्नानुसार स्क्रीन उपलब्ध करावेगा
- यहॉं से कृषक की भूमि जिस भी ग्राम में है, उस ग्राम को चुनें, सिस्टम चुने गए ग्राम के समस्त खसरे सूची में उपलब्ध करावेगा। ध्यान रहे कि ग्राम चुनने पर सभी खसरे की सूची प्राप्त करने में सिस्टम को कुछ समय लगता है अतएव थोडा इंतजार करना होगा।
- अब चुने गए खसरे को जोडने के लिए अन्यग चुने खसरे लिंक करने के लिए क्िो क करें बटर को दबावें।
अंत में मैं प्रमाणित करता/ करती हूँ कि मेरे द्वारा दी जा रही उपरोक्त जानकारी पूर्णत: सत्य है, के चेकबाक्स को चुनकर स्वप्रमाणन देते हुए खसरे चुनकर सुरक्षिरत करें बटन पर क्लिक करें।
- आधार से जुडे खसरे प्राप्त करना – यदि कृषक के खसरे की जानकारी आधार से जुडी हुई है तो सिस्टम स्वात: ही खसरों की सूची ले आवेगा। यहां उल्लेखनीय है कि आधार से जुडे खसरे लाने के लिए संबंधित कृषक का eKYC होना आवश्यक है।
- सोलर पंप जानकारी– अंत में चाहे गए सोलर पंप की जानकारी नीचे दिए गए फार्म अनुसार दर्ज की जानी होगी। यहां उल्लेखनीय है कि खसरा नंबर फील्डज में केवल वही खसरे नंबर आवेगें जो कि पूर्व चरण में जोडे गए हैं।
- जैसे ही आप सोलर पंपिंग सिस्टम का प्रकार चुनेगें, उसके नीचे दी गयी टेबल में कृषक अंश की राशि आ जावेगी।
- अब सुरक्षित करें पर क्लिक करके आवेदन के अंतिम चरण में जा सकते हैं।
- जानकारी एक नजर में – अब अंत में पोर्टल सभी भरी गयी जानकारी को प्रदर्शित करेगा। यहॉं पर जॉंच कर लेवें। आवश्यक होने पर किसी भी चरण पर जाकर जानकारी को बदला जा सकता है।
- सबसे अंत में आवेदक को योजना की दी गयी शर्तें तथा दी गयी जानकारी की सत्यता संबंधी स्वाघोषणा दिए गए चेकबाक्सम पर क्लिक कर करनी होगी।
- यहॉं से जानकारी को प्रिंट कर भविष्य के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है। आवेदन को सुरक्षित करने पर पोर्टल आवेदन क्रमांक आवंटित कर SMS के माध्यम से सूचित करेगा तथा आपको आनलाइन पेमेण्ट हेतु आगे बढायेगा।
- यहॉं पर Pay Now बटन पर क्लिक कर आनलाइन पेमेंट हेतु आगे बढा जा सकता है। पेमेण्ट गेटवे MPOnline के पेमेण्ट गेटवे के माध्य्म से संपन्न होगी। यहॉं पर एमपीआनलाइन के पेमेण्ट् गेटवे के चार्जेस जुडकर भुगतान किया जाना होगा।
- यदि कृषक स्वयं अपने कंप्यूटर से आनलाइन भुगतान करना चाहता है तो Citizen आप्शन के माध्यम से आगे बढना होगा जिससे आनलाइन भुगतान के सभी विकल्प निम्नानुसार प्राप्त होगें –
- पेमेण्ट हो जाने पर आवेदक को आवेदन क्रमांक प्राप्त हो जावेगा तथा SMS के माध्यपम से भी सूचना प्राप्तम हो जावेगी।
- आधार eKYC – किसी भी व्यक्ति की पहचान को स्थापित करने के लिए केवायसी किया जाता है जो कि अंग्रेजी शब्द Know Your Customer का छोटा रूप है। योजना के प्रावधानों के अनुरूप आधार आधारित ई- केवायसी (e-KYC) किया जाना आवश्यक है।आधार आधारित ई- केवायसी करने से व्यक्ति की पहचान संबंधी जानकारी इलेक्ट्राानिक तरीके से प्राप्त हो जाती है जिससे आवेदक को किसी भी तरह के अन्य पहचान प्रमाण को जमा करने की जरूरत नही होती है।इसे करने के लिए दो आप्शन उपलब्ध कराये गए हैं (i) OTP द्वारा (ii) बायोमेट्रिक द्वारा। जिस व्य क्िले का मोबाइल नंबर आधार से लिंक नही है उसका eKYC बायोमेट्रिूक मशीन द्वारा किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना नियम, शर्ते एवं दिशा-निर्देश की सामान्य जानकारी
- 1. योजना में आवेदन कैसे करें, इसकी जानकारी के लिए वेबसाईट cmsolarpump.mp.gov.in पर जाकर देख सकते हैं।
- 2. योजनांतर्गत आवेदन कृषि भूमि की सिंचाई के लिए है। सोलर ऊर्जा आधारित जल पम्पिंग संयंत्र का उपयोग विहित कार्य (कृषि भूमि की सिंचाई) हेतु ही किया जायेगा।
- 3. सोलर पंप की उपयोगिता उपरांत, सोलर पैनलों की उत्पादित ऊर्जा के वैकल्पिक उपयोग हेतु नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देश तकनीकी मापदण्ड एवं मानको के अनुसार यूनिवर्सल सोलर पंप कन्ट्रोलर (यू.एस.पी.सी.) के उपयोग का विकल्प कृषकों को दिया जायेगा। इन पंपों के लिए बिना यू.एस.पी.सी. के समान क्षमता के सोलर पंप का अनुदान ही केन्द्रांश व राज्यांश के रूप में लागू होगा।
- 4. योजना के अंतर्गत 5 एच.पी. क्षमता तक केवल डी.सी. तथा बडे पंपों की श्रेणी में ए.सी./डी.सी. दोनों तरह के पंप लगाये जायेंगे।
- 5. सोलर पंप की लागत का श्रेणीवार, 3 एच.पी. क्षमता तक 5 प्रतिशत एवं 3 एच.पी. से अधिक क्षमता के लिए 10 प्रतिशत कृषक द्वारा Margin Money के रूप में दिया जायेगा।
- 6. पम्प की लागत के 60 से 65 % के बराबर के भाग की प्रतिपूर्ति कृषक ऋण के माध्यम से होगी जिसके भुगतान का पूरा दायित्व राज्य शासन का होगा।
- 7. योजना के प्रथम चरण में गत वर्षों में पंजीक्रत कृषकों को प्रश्नाधीन भूमि (सिंचाई हेतु प्रस्तावित खसरे) पर, अस्थायी विद्युत संयोजन वाले कृषकों व अविद्युतिकृत कृषकों को सोलर पंप का लाभ दिया जावेगा।
- 8. प्रस्तावित कृषि भूमि पर सिंचाई हेतु जल की आवश्यकता एवं भूमि के क्षेत्रफल के अनुरूप ही पंप का आवेदन करें। क्षेत्रफल के अनुसार आवश्यक्ता से अधिक क्षमता का पंप हेतु आवेदन किये जाने पर भौतिक सत्यापन के समय आवेदन निरस्त/परिवर्तित किया जा सकेगा।
- 9. सोलर पम्प संयंत्र की स्थापना के लिये आवेदक कृषक के पास, सिंचाई का स्थाई स्त्रोत होना चाहिए एवं सोलर पम्प हेतु वांछित जल संग्रहण ढाँचे की आवश्यकता अनुसार व्यवस्था होना चाहिए।
- 10. स्थापित सोलर पम्प संयंत्र का विक्रय या हस्तांतरण नहीं किया जा सकता है।
आवेदन/पंजीयन संबंधी जानकारी
- 1. निर्धारित राशि रू. 5,000/- ‘‘मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड, भोपाल’’ के पक्ष में ऑनलाईन भुगतान के साथ, अधिकृत पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन प्राप्त होना अनिवार्य है।
- 2. सफल पंजीकरण उपरांत चयनित इकाई द्वारा स्थापना स्थल का भौतिक सत्यापन कर लिए जाने पर, चयन की सूचना मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा दी जायेगी। चयन की सूचना दिये जाने पर, हितग्राही कृषक को शेष पूर्ण राशि ऑनलाईन के माध्यम से नियत समयावधि में मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड भोपाल को भुगतान करनी होगी।
- 3. इसके उपरांत कृषक ऋण हेतु, हितग्राही कृषक द्वारा पोर्टल पर दर्शित बैंक का चयन करना होगा एवं पोर्टल पर यह सूचना दर्शित होने पर – “Please apply in Agriculture Infrastructure Fund (AIF) portal, select the “Name of the bank”, AIF (कृषि अवसंरचना निधि) अंतर्गत आवेदन हेतु पोर्टल पर उक्त बैंक का ही चयन करना होगा। तत्पश्चात ही संयंत्र स्थापित करने की कार्यवाही की जायेगी।
- 4.चयनित हितग्राही कृषक द्वारा समय-सीमा में शेष राशि जमा न करने पर अन्य (अगले) आवेदक/हितग्राही कृषक का चयन कर लिया जायेगा। बाद में, उक्त हितग्राही कृषक द्वारा शेष राशि जमा कराये जाने की स्थिति में, उनके आवेदन को, आवंटन (फंड एवं लक्ष्य) की उपलब्धता अनुसार, स्वीकृति किया जा सकेगा।
स्थापना एवं रख-रखाव संबंधी जानकारी
- 1. सोलर पम्प संयंत्र की स्थापना केन्द्र सरकार व राज्य रसरकार द्वारा निर्धारित निर्देशानुसार/मापदण्ड अनुसार की जायेगी।
- 2. सोलर प्लेटों की स्थापना हेतु छाया रहित स्थान उपलब्ध कराने की पूर्ण जिम्मेदारी हितग्राही कृषक की होगी।
- 3. आवेदन भरने एवं पंजीयन राशि जमा कराये जाने के बाद पंप स्थापना हेतु स्थापना स्थल तकनीकी रूप से उपयुक्त (Feasible) पाये जाने पर ही सोलर पंप की स्थापना की जावेगी। सोलर पम्प स्थल उपयुक्त/चयन न होने पर पंजीयन राशी रू. 5,000/- निगम द्वारा आवेदक को वापिस की जायेगी। इस पर कोई ब्याज का भुगतान देय नहीं होगा।
- 4. केन्द्र व राज्य शासन से योजना हेतु राशि प्राप्त होने पर, हितग्राही कृषक से सम्पूर्ण हितग्राही अंश की राशि प्राप्त होने के पश्चात लगभग 120 दिवस में सोलर पम्पों की स्थापना का कार्य पूर्ण किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में समयावधि बढ़ाई जा सकती है। स्थापना का कार्य पूर्ण करने में देरी होने पर म.प्र. ऊर्जा विकास निगम का किसी भी प्रकार का कोई भी दायित्व, जिम्मेदारी नहीं होगी और न ही आवेदक कृषक को इस हेतु कोई क्षतिपूर्ति की जायेगी।
- 5. सोलर पम्प की स्थापना एवं संतोषप्रद प्रदर्शन/संचालन उपरांत समस्त संयंत्र हितग्राही कृषक को सौंप दिया जाएगा।
- 6. स्थापित सोलर पम्प संयंत्र की सुरक्षा एवं सामान्य रख-रखाव की जिम्मेदारी हितग्राही कृषक की होगी।
- 7. सोलर प्लेटों की समय-समय पर सफाई करते रहने की जिम्मेदारी हितग्राही कृषक की रहेगी।
- 8. सोलर पम्प स्थापित होने के पश्चात, पम्प की आवश्यकता/उपयोग न होने पर, हितग्राही कृषक द्वारा पैनलों को जमीन के समानान्तर रखा जाना होगा, जिससे आंधी, तूफान इत्यादि से संयंत्र को नुकसान न पहुँचे।
- 9. सोलर पम्प स्थापना के उपरांत, संयंत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी या टूट-फूट की जिम्मेदारी हितग्राही कृषक की होगी (तकनीकी खराबी को छोड़कर)। किसी प्राकृतिक आपदा के कारण क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में हितग्राही कृषक इसकी जानकारी संबंधित इकाई एव जिला कार्यालय को शीघ्रअतिशीघ्र देगा। /चोरी होने की स्थिति में, हितग्राही कृषक द्वारा, शीघ्रअतिशीघ्र पुलिस में एफ.आई.आर. करनी होगी तथा स्थापनाकर्ता इकाई एवं जिला कार्यालय को भी तत्काल सूचित करना होगा, ताकि स्थापनाकर्ता इकाई Insurance Claim हेतु आवश्यक कार्यवाही कर सके। Insurance Company द्वारा मान्य होने पर ही टूट-फूट/ चोरी या क्षतिग्रस्त हेतु संयंत्र में सुधार कार्य किया जाना मान्य होगा।
- 10. सोलर पम्प स्थापना के उपरांत संयंत्र से किसी भी प्रकार की छेड-छाड (कन्ट्रोलर को अथवा मोटर पम्प सेट को सीधे ए.सी. पॉवर सप्लाई से चलाने का प्रयास, संयंत्र की वायरिंग से छेडछाड आदि।) की अवस्था में खराब हुए अवयवों (Components) को ठीक करने/बदलने/संयंत्र का सुधार करने की जिम्मेदारी म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. तथा ठेकेदार इकाई की नहीं होगी। ऐसी अवस्था में संबंधित ठेकेदार इकाई से संयंत्र को पूर्णत: ठीक कराने, खराब हुए अवयव (Components) को बदलवाने का पूरा व्यय हितग्राही को वहन करना होगा।
- 11. स्थापित सोलर पम्प की 5 वर्ष की रख-रखाव की अवधि में पंप को अन्यत्र स्थानांतरित नहीं किया जा सकेगा अन्यथा पंप वारंटी की शर्त से बाहर हो जायेगा।
अन्य निर्देश/जानकारी
- 1. आवेदन-पत्र में सोलर पम्पिंग सिस्टम के प्रकार के अनुरूप दी गई डिस्चार्ज की जानकारी स्टेण्डर्ड टेस्टिंग कंडीशन्स के अनुरूप है। स्थापना स्थल पर सोलर ऊर्जा (Solar Radiation) की उपलब्धता तथा कंडीशन्स के अनुरूप डिस्चार्ज कम या ज्यादा हो सकता है।
- 2. यदि सोलर पम्प स्थापना के उपरांत हितग्राही कृषक का रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर परिवर्तित होता है तो, हितग्राही कृषक द्वारा इसकी जानकारी/सूचना मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम के जिला कार्यालय एवं स्थापित करने वाली इकाई को दी जानी होगी।
- 3. स्थापना के पश्चात् बोर कोलेप्स होने/ वॉटर लेवल कम हो जाने की स्थिति में उसी खेत पर अन्यत्र स्थान पर, जहाँ पम्प के लिये समुचित वॉटर सोर्स उपलब्ध है, हितग्राही कृषक के व्यय पर सोलर पम्प संयंत्र स्थानांतरित किया जा सकेगा।
- 4. हितग्राही कृषकों द्वारा आवश्यकता पड़ने पर मुख्य रोड से साईट (जहाँ पर सोलर पम्प की स्थापना की जानी है) तक के ट्रान्सपोर्टेशन व स्थापना में सहयोग दिया जाना अपेक्षित है।
- 5. योग्य जल स्त्रोत जैसे- कुँआ, बोर आदि प्रदान करने का दायित्व तथा उक्त स्त्रोत से जल की उपलब्धता का दायित्व हितग्राही कृषक का रहेगा। किसी भी परिस्थिति में बोर के क्षतिग्रस्त होने, कोलेप्स होने अथवा वॉटर लेवल नीचे चले जाने स्थिति में या बोर से सम्बन्धित अन्य कारणों से पम्प संचालन में व्यव्धान होने पर, प्रदायकर्ता इकाई का कोई दायित्व निर्धारित नहीं होगा। बोर कोलेप्स होने की स्थिति में मोटर एवं पम्प निकालने की पूर्णतः जवाबदारी हितग्राही कृषक की होगी।
- 6. सोलर पम्प स्थापना के पश्चात किसी प्रकार का स्थल परिवर्तन अथवा मीटर हेड परिवर्तन मान्य नहीं होगा।
- 7. ऋतु परिवर्तन के अनुसार, हितग्राही कृषक द्वारा, सोलर पैनलों की दिशा एवं कोण को दिशानुसार परिवर्तित करते रहना होगा, जिससे संयंत्र से अधिकतम डिस्चार्ज प्राप्त हो सके।
- 8. स्थापित सोलर पम्प की फाउन्डेशन के आस-पास स्वयं हितग्राही कृषक द्वारा मिट्टी इत्यादि डालते रहना होगा ताकि संयंत्र के पास पानी एकत्र न हो और फाउन्डेशन की मजबूती बनी रहे।
- 9. पम्प स्थापना के उपरांत स्थापनाकर्ता इकाई से उनके कम्पनी का मुख्यालय का दूरभाष नम्बर, प्रदेश स्तर का सर्विस सेन्टर का दूरभाष नम्बर एवं जिला स्तर के प्रतिनिधि का दूरभाष नम्बर अवश्य प्राप्त करें।
- 10. अपने स्तर पर किसी अन्य माध्यम से सोलर पम्प संयंत्र की मरम्मत अथवा किसी अवयव के बदलने की स्थिति में संयंत्र की वारंटी स्वत: समाप्त मानी जायेगी।
- 11. किसी भी विवाद की स्थिति में केवल भोपाल न्यायालय का ही क्षेत्राधिकार होगा।
प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना क्या है?
प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना का उद्देश्य किसानों को उनके खेतों की सिंचाई के लिए पारंपरिक बिजली स्रोतों से हटाकर सौर ऊर्जा आधारित पंप (Solar Pumps) की ओर ले जाना है। यह योजना केंद्रीय और राज्य सरकार की संयुक्त पहल है, जिसमें किसानों को Heavy Subsidy और वित्तीय सहायता के माध्यम से सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे।