Palak Mata Pita Yojana Form, आज के दौर में जब महंगाई लगातार बढ़ रही है, एक अनाथ बच्चे के लिए जीवन यापन और शिक्षा की राह बेहद कठिन हो जाती है। माता-पिता का साया उठ जाने के बाद कई बच्चे अपने रिश्तेदारों जैसे मामा, चाचा या अन्य पर निर्भर हो जाते हैं, लेकिन सीमित संसाधनों और आय के चलते उनकी शिक्षा और परवरिश अक्सर प्रभावित होती है। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए Gujarat Government ने Palak Mata Pita Yojana 2025 की शुरुआत की है।

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इस योजना का उद्देश्य है कि जो बच्चे अपने माता-पिता को खो चुके हैं, उन्हें एक सुरक्षित भविष्य और आत्मनिर्भरता की दिशा में मार्गदर्शन मिले। आइए जानते हैं इस योजना के फायदे, पात्रता, दस्तावेज़ और आवेदन प्रक्रिया की पूरी जानकारी।
Palak Mata Pita Yojana Form Objective
Palak Mata Pita Yojana का मुख्य मकसद ऐसे अनाथ बच्चों को वित्तीय सहायता देना है, जिनके माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। योजना के अंतर्गत इन बच्चों को प्रतिमाह ₹3000 की सहायता राशि दी जाती है, ताकि वे अपनी शिक्षा, स्वास्थ्य और मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें।
यह योजना केवल बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि उनके देखभाल करने वाले संरक्षकों (Guardians) के लिए भी एक राहत बनकर सामने आई है। सरकार की यह कोशिश है कि किसी भी अनाथ बच्चे को उसके भविष्य से समझौता न करना पड़े।
Benefits of the Palak Mata Pita Yojana
- हर अनाथ बच्चे को ₹3000 प्रति माह यानी सालाना ₹36,000 की Direct Benefit Transfer (DBT) के तहत सहायता राशि दी जाएगी।
- यह राशि सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाएगी जिससे middlemen और corruption से बचा जा सके।
- बच्चों की स्कूल फीस, किताबें, यूनिफॉर्म, ट्यूशन, हेल्थ आदि का खर्च इस राशि से किया जा सकेगा।
- बच्चों को उचित शिक्षा मिल पाएगी, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
- यदि किसी महिला ने पति की मृत्यु के बाद पुनर्विवाह कर लिया है, तो भी बच्चे को इस योजना का लाभ मिल सकता है।
- यह योजना Social Justice & Empowerment Department के अंतर्गत आती है।
Palak Mata Pita Yojana Eligibility Criteria
- आवेदक बच्चा गुजरात राज्य का मूल निवासी होना चाहिए।
- बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम और पालक (Guardians) की उम्र 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- बच्चा अनाथ होना चाहिए यानी माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी हो।
- 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को Anganwadi Center में प्रवेश करवाना अनिवार्य है।
- ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों की सालाना आय ₹27,000 से कम और शहरी क्षेत्रों में ₹36,000 से कम होनी चाहिए।
जरूरी दस्तावेज़ (Required Documents)
- आधार कार्ड (Aadhaar Card)
- निवास प्रमाण पत्र (Domicile Certificate)
- जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate)
- माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate)
- बैंक खाता संख्या और पासबुक कॉपी
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पुनर्विवाह प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- आय प्रमाण पत्र (Income Certificate)
How to Apply Online for Palak Mata Pita Yojana?
- सबसे पहले esamajkalyan.gujarat.gov.in वेबसाइट पर जाएं।
- “New Registration” ऑप्शन पर क्लिक करें। यदि पहले से अकाउंट है तो “Login” करें।
- Dashboard पर उपलब्ध योजनाओं की सूची में से “Palak Mata Pita Yojana” को चुनें।
- आवेदन फॉर्म में सभी विवरण जैसे नाम, जन्मतिथि, पता, आय विवरण आदि भरें।
- सभी जरूरी दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करें।
- आवेदन शुल्क (यदि कोई हो) भरें।
- Submit बटन पर क्लिक करें और आवेदन की रसीद (Acknowledgement Slip) डाउनलोड करें।
Conclusion
माता-पिता की छाया से वंचित बच्चों को समाज में सम्मानजनक जीवन देना केवल एक संवेदनशील सोच नहीं, बल्कि एक सामाजिक दायित्व है। Palak Mata Pita Yojana 2025 इस दिशा में एक प्रेरणादायक पहल है जो न सिर्फ बच्चों का भविष्य संवारती है बल्कि उनके परिजनों को भी आर्थिक राहत देती है।
पालक माता पिता योजना क्या है?
यह Gujarat सरकार द्वारा शुरू की गई एक वित्तीय सहायता योजना है, जिसका उद्देश्य उन अनाथ बच्चों को ₹3000 प्रति माह की सहायता राशि देना है जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है। यह योजना बच्चों की शिक्षा, पोषण और देखभाल को सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई है।
पालक माता पिता योजना का लाभ किन्हें मिलेगा?
ऐसे सभी बच्चे जिनके माता और पिता दोनों का निधन हो चुका है और जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है। साथ ही बच्चे का देखभालकर्ता (Guardian) 21 वर्ष या उससे अधिक उम्र का होना चाहिए।
पालक माता पिता योजना की शुरुआत किसने की है?
इस योजना की शुरुआत Gujarat के Chief Minister Bhupendra Patel जी द्वारा की गई है।
पालक माता पिता योजना के तहत कितनी राशि दी जाती है?
प्रतिमाह ₹3000 की राशि दी जाती है। यानी कुल वार्षिक सहायता राशि ₹36,000 होगी।