8वें वेतन आयोग से सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, जानें कितनी बढ़ेगी सैलरी और पेंशन

8th pay commission may increase government employees’ salaries using aykroyd formula:- सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। केंद्र सरकार जल्द ही 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लागू करने की तैयारी कर रही है, जिससे 1 करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस आयोग में वेतन और पेंशन में काफी बढ़ोतरी की जाएगी।

8th pay commission may increase government employees’ salaries using aykroyd formula

Aykroyd Formula को आधार बनाकर वेतन वृद्धि की गणना की जाएगी, जिससे कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹51,480 तक पहुंच सकती है, जबकि पेंशन ₹25,740 तक बढ़ने की संभावना है।

8वें वेतन आयोग से जुड़ी 8 मुख्य बातें

  1. सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए खुशखबरी – 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) से 1 करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ मिलने की संभावना है।
  2. Aykroyd Formula का उपयोग – वेतन वृद्धि की गणना के लिए Aykroyd Formula का उपयोग किया जाएगा, जो आवश्यक जीवनशैली लागत (भोजन, कपड़े और आवास) पर आधारित है।
  3. फिटमेंट फैक्टर होगा प्रमुख – रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार 1.92 से 2.86 के बीच फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) तय कर सकती है, जिससे वेतन और पेंशन में वृद्धि होगी।
  4. न्यूनतम वेतन में भारी बढ़ोतरी – यदि 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 तक हो सकता है।
  5. पेंशन में भी होगी वृद्धि – न्यूनतम पेंशन ₹9,000 से बढ़कर ₹25,740 हो सकती है, जिससे पेंशनभोगियों को आर्थिक राहत मिलेगी।
  6. मुद्रास्फीति (Inflation) को ध्यान में रखा जाएगा – 8वें वेतन आयोग में वेतन वृद्धि इस तरह की जाएगी कि यह बढ़ती महंगाई के अनुरूप हो।
  7. सरकारी घोषणा का इंतजार – अभी तक 8वें वेतन आयोग की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही इसके संरचना, अध्यक्ष और सदस्यों की जानकारी दी जा सकती है।
  8. 2016 के बाद पहला वेतन आयोग – 8वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुए 7वें वेतन आयोग के बाद पहला बड़ा वेतन संशोधन होगा, जिससे सरकारी कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति बेहतर होगी।

क्या है Aykroyd Formula?

Aykroyd Formula प्रसिद्ध अर्थशास्त्री Dr. Wallace Aykroyd द्वारा विकसित किया गया था। इस फॉर्मूले के तहत, न्यूनतम वेतन इस आधार पर तय किया जाता है कि एक सामान्य कर्मचारी और उसके परिवार की आवश्यक जरूरतें—भोजन, वस्त्र और आवास—पूरी हो सकें।

1957 में आयोजित 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन (15th Indian Labour Conference) में इस फॉर्मूले को अपनाया गया था, और तब से यह वेतन निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

7वें वेतन आयोग में Aykroyd Formula का इस्तेमाल

7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) में Aykroyd Formula का उपयोग कर न्यूनतम वेतन ₹7,000 से ₹18,000 तक बढ़ाया गया था। इसके साथ ही, 2.57 का फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) लागू किया गया, जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) को संशोधित किया गया। यह वेतन संरचना 2016 से प्रभावी है।

8वें वेतन आयोग में कितनी बढ़ेगी सैलरी?

विशेषज्ञों का मानना है कि 8वें वेतन आयोग में भी Aykroyd Formula का पालन किया जाएगा ताकि सरकारी कर्मचारियों का वेतन मुद्रास्फीति (Inflation) के अनुसार संतुलित रहे। रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार 1.92 से 2.86 के बीच एक फिटमेंट फैक्टर पर विचार कर रही है। यदि 2.86 के ऊपरी सीमा वाले फैक्टर को लागू किया जाता है, तो:

  • न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 तक हो सकती है।
  • न्यूनतम पेंशन ₹9,000 से बढ़कर ₹25,740 तक पहुंच सकती है।

कैसे होगी वेतन और पेंशन में वृद्धि?

Fitment Factor वेतन और पेंशन वृद्धि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे वर्तमान न्यूनतम वेतन या पेंशन राशि को फिटमेंट फैक्टर से गुणा करके निर्धारित किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि वर्तमान वेतन ₹18,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू किया जाता है, तो नया वेतन ₹18,000 × 2.86 = ₹51,480 होगा।

कब आएगा आधिकारिक ऐलान?

हालांकि, 8वें वेतन आयोग की सटीक संरचना, अध्यक्ष और सदस्यों की घोषणा अभी बाकी है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द ही इस पर आधिकारिक बयान जारी करेगी।

सरकारी कर्मचारियों के लिए सुनहरा मौका

सरकारी कर्मचारी लंबे समय से 8वें वेतन आयोग की प्रतीक्षा कर रहे हैं, और अब यह स्पष्ट हो गया है कि उनकी सैलरी और पेंशन में भारी बढ़ोतरी होने वाली है। महंगाई और जीवनयापन की बढ़ती लागत को देखते हुए, सरकार का यह कदम कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत साबित होगा। अब सभी की निगाहें सरकारी घोषणा पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट होगा कि कब से और कितनी बढ़ोतरी लागू की जाएगी।

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